शरीअत कोर्ट
श्रीनगर ।। आतंकवाद और अलगाववाद से जूझते राज्य जम्मू कश्मीर में अचानक धर्म परिवर्तन का मसला गरमा गया है। प्रदेश के मुफ्ती आजम मुफ्ती बशीरुद्दीन ने क्रिस्चन प्रीस्ट सी एम खन्ना को तलब किया है। उनसे कहा गया है कि खुद कोर्ट में पेश होकर धर्म परिवर्तन से जुड़ी शिकायतों पर अपना पक्ष सामने रखें। हालांकि प्रीस्ट खन्ना के मुताबिक मसला धर्म परिवर्तन का नहीं बल्कि स्कूल में एडमिशन का है और उन्हें जान बूझ कर इस फर्जी मामले में फंसाने की कोशिश हो रही है।
मुफ्ती आजम ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा, हमारी शरीअत कोर्ट ने क्रिस्चन प्रीस्ट खन्ना को शुक्रवार 11 बजे हाजिर होने को कहा था। वह हाजिर नहीं हुए। अब उन्हें नया समन देकर 12 नवंबर को हाजिर होने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में 1960 की शुरुआत से ही शरीअत कोर्ट है। मुफ्ती बशीरुद्दीन इसके जज हैं और उनके खिलाफ अपील सुनने का अधिकार सिविल कोर्ट को है। मुफ्ती बशीर के मुताबिक चूंकि जम्मू कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य है इसलिए यहां कोर्ट को राज्य सरकार की मान्यता प्राप्त है। हालांकि शरीअत कोर्ट के पास अपने फैसलों को बाध्यकारी बनाने के लिए पुलिस जैसी कोई एजेंसी नहीं है।
मुफ्ती बशीर कहते हैं,'मुझे शिकायतें मिली हैं कि प्रीस्ट खन्ना मुस्लिम युवक-युवतियों को ईसाई धर्म में दीक्षित कराने की मुहिम में शामिल हैं। इस्लामिक कानून के मुताबिक यह गलत है। इसलिए हमने उन्हें समन भेजा है कि वह कोर्ट के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखें।'
મીત્રો, આ સમાચાર પછી હીન્દી નવભારત ટાઈમ્સમાં ઘણી કોમેન્ટ્સ આવેલ છે એ વાંચવા વીનંતી.
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