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Wednesday 20 January 2016

5 of the worst atrocities carried out by the British Empire

5 of the worst atrocities carried out by the British Empire

Samuel Osborne | The Independent | Jan 20, 2016, 07.34 PM IST

A new YouGov poll has found the British public are generally proud of the British Empire and its colonial past.


YouGov found 44 per cent were proud of Britain's history of colonialism, with 21 per cent regretting it happened and 23 per cent holding neither view.

The same poll also found 43 per cent believed the British Empire was a good thing, 19 per cent said it was bad and 25 per cent said it was "neither".

At its height in 1922, the British empire governed a fifth of the world's population and a quarter of the world's total land area.

Although the proponents of Empire say it brought various economic developments to parts of the world it controlled, critics point to massacres, famines and the use of concentration camps by the British Empire.

1. Boer concentration camps

During the Second Boer War (1899-1902), the British rounded up around a sixth of the Boer population - mainly women and children - and detained them in camps, which were overcrowded and prone to outbreaks of disease, with scant food rations.

Of the 107,000 people interned in the camps, 27,927 Boers died, along with an unknown number of black Africans.

2. Amritsar massacre

When peaceful protesters defied a government order and demonstrated against British colonial rule in Amritsar, India, on 13 April 1919, they were blocked inside the walled Jallianwala Gardens and fired upon by Gurkha soldiers.

The soldiers, under the orders of Brigadier Reginald Dyer, kept firing until they ran out of ammunition, killing between 379 and 1,000 protesters and injuring another 1,100 within 10 minutes.

Brigadier Dyer was later lauded a hero by the British public, who raised £26,000 for him as a thank you.

3. Partitioning of India

In 1947, Cyril Radcliffe was tasked with drawing the border between India and the newly created state of Pakistan over the course of a single lunch.

After Cyril Radcliffe split the subcontinent along religious lines, uprooting over 10 million people, Hindus in Pakistan and Muslims in India were forced to escape their homes as the situation quickly descended into violence.

Some estimates suggest up to one million people lost their lives in sectarian killings. (one Million = 10,00,000)

4. Mau Mau Uprising

Thousands of elderly Kenyans, who claim British colonial forces mistreated, raped and tortured them during the Mau Mau Uprising (1951-1960), have launched a £200m damages claim against the UK Government.

Members of the Kikuyu tribe were detained in camps, since described as "Britain's gulags" or concentration camps, where they allege they were systematically tortured and suffered serious sexual assault.



Estimates of the deaths vary widely: historian David Anderson estimates there were 20,000, whereas Caroline Elkins believes up to 100,000 could have died.

 5. Famines in India
 
Between 12 and 29 million Indians died of starvation while it was under the control of the British Empire, as millions of tons of wheat were exported to Britain as famine raged in India.

In 1943, up to four million Bengalis starved to death when Winston Churchill diverted food to British soldiers and countries such as Greece while a deadly famine swept through Bengal.

Talking about the Bengal famine in 1943, Churchill said: "I hate Indians. They are a beastly people with a beastly religion. The famine was their own fault for breeding like rabbits."




Sunday 17 January 2016

आ रामनी गेलछाए में पण साचुं खोटुं वाल्मीकी राम जाणे लखवानुं शरुं कर्युं.




છેલ્લાં ત્રીસ વર્ષમાં ધર્મનો રાજકીય પરીબળ તરીકેનો ઉદ્‌ભવ માનવજાતને ખતમ કરી શકે તેમ છે... – ધવલ મહેતા

धर्मनी वात आवे एटले हीन्दुओ कहे अमारो धर्म प्रथम, जुनो, वगेरे वगेरे. वेद, उपनीसद के एनो नीचोड गीता अहा हा... अहा हा....

दया आवे एवुं छे. आत्मा, कर्म, पुनःजन्म अने शुं ने शुं लखेल छे.

हीन्दुओनी मुर्तीपुजानी गेलछाथी (हीन्दु एटले हीन्दु, बौद्ध, जैन बधा समजवा) ईश्लामनो उदय थयो. अने कमाल तो जुओ एओ पाछा हीन्दुओना अनुयायीनी जेम ज करवा लग्या. जेमके कबर उपर चादर बीछाववी.
शुं खावुं, केम खावुं, क्या हाथे खावुं (ए पण फरजीयात), कांदा, बटाटा, लसण, जन्म, लग्न, मरण अने मडदाने केम नवडाववुं, शुं सभळाववुं (मडदाने), हलाल के लोही वगरनुं फक्त अने फक्त घास खाता प्राणीओनुं लोही वगरनुं मांस, गाय के दुक्करनुं मांस केम खावुं अथवा हीन्दुओमां गायने मांस राखेल छे एवी अफवा फेलाय तोय मारी नाखवुं  आ बधुं धर्ममां आवे. वीधवा पुनःलग्न करे तो मारी नाखवुं अने एना माटे अंग्रेजो हीन्दुओ माटे कायदा बनावे.

हीन्दुओमां राम नामनी व्यकतीनो उल्लेख ठेक ठेकाणे आवे. जेम के राम नाम सत्य है, लग्न वखते राम सीतानी जोडी, जेरामजी, गांधी समाधी उपर हे राम, मरण वखते अमे चाल्या अमारे गाम बधाने राम राम.
आ रामनी गेलछाए में पण साचुं खोटुं वाल्मीकी राम जाणे लखवानुं शरुं कर्युं.

हीन्दुओना जनुनी टोळाए 1992मां बाबरी मस्जीदना ढांचाने तोडी राजकरणमां प्रवेश कर्यो अने जेवी सफळता देखाणीं के ए जग्याए राम मंदीरनी चडवळ शरु थई.

कमाल तो जुओ भारतीय काश्मीर के पाकीस्तानी काश्मीरना चडवडीयाओए पण पोतानी चडवडमां आ बाबरीना ढांचा के राम मंदीरनो वचमां समावेश करी नाख्यो.

पोतानो धर्म श्रेष्ठ अने बंदुकनी गोळी, बोम्ब, मानव बोम्ब, वगेरे साधनोथी हत्या करवानु शरु थयुं.
भारतमां ईंदीरा गांधी, राजीव गांधी तथा पाकीस्तानमां झुलफीकार अली भुत्तो अने बेनझीर भुत्तोनुं मरण पण आ धर्मना नामे ज समजवुं..

कोने खबर गीता अने कुरानमां लखेल छे एनी पहेलां शुं हतुं?

धवलभाई महेताए मथाळुं आपेल छे अने पोस्टमां जणांवेल छे के राजकरणमां धर्मनी सेळभेळ मानवजातने खतम करशे ए चोक्कस छे.

भारतमां सोमनाथ मंदीरना नीर्माणमां गांधी, पटेल, मुनशी, संसद, वगेरे जे रस लीधो ए राजकीय परीबळ समजवुं.  आपणे एना फळ चाखीए छीए...

देशना बंधारणमां कलम 48 पण एनो भाग ज समजवो...

Thursday 7 January 2016

पठाणकोट, भृष्टाचार, कामचोरी, धमपछाडा. साचुं खोटुं वाल्मीकीनो राम जाणे...




पठाणकोट, भृष्टाचार, कामचोरी, धमपछाडा.  साचुं खोटुं वाल्मीकीनो  राम जाणे...





वडा प्रधान ईंदीरा गांधीना मृत्यु वखते रहेठाणथी होस्पीटालमां लई जवा माटे एम्ब्युलन्स न मळी. होस्पीटलमां गया तो फरज उपर डोक्टर न मळेल अने सवारना दस वागे आखी  दुनीयाने मरणनी खबर हती पण आकाशवाणी उपर सांजना छ वागे जाहेर करवामां आव्युं.

दुनीयानी मोटामां मोटी सुरत लुंट शीवाजीए करी. पण पछी बधो लुंटेल माल शीवाजी पोते औरंगझेबना दरबारमां हाजर थई पाछो आपी आव्यो. औरंगझेबना दरबारीओने आ ट्रीक खबरपडी गयी अने शीवाजीना मराठा साथीदारो लुंट के चोथ उघरावता अने कहेता अमे तमारुं रक्षण करीए छीए अने कमाल तो जुओ वधुने वधु हीन्दुओए ईश्लामनो स्वीकार आ शीवाजी ट्रीकथी थया.

मुंबईनी लोकल ट्रेनमां धडाका थया ए बधा बोम्ब माटे जे माल सामान दरीया कीनारे आव्यो अने ठेक ठेकाणे पहोंचाडवामां आव्यो ए बधाए मामुली रकम लई, सरकारी मोटा अधीकारीओनी लाल बती वाडी गाडीमां काम करेल.  थोडाक समयना अंतर मा घणां धडाका थया अने मुंबईनी लोकल ट्रेनमां असंख्य माणसो मरण शरण थया.

पठाणकोटमां जे लोकोए एरबेझमां प्रवेश लीधो ए गाडी कोई मारा तमारा जेवानी मामुल दस वीस लाखनी न हती पण ए गाडी जील्लाना पोलीस वडानी हती.

देशमां वीकेसींह नामना लश्करना वडा हता. हमणां केन्द्रमां मंत्री छे एमणे कहेल के काश्मीरमां सरकार चलाववा रुपीया आपवा पडे छे. वीकेसींहे लश्करना वडा नीवृती पहेलां खोटी जनमतारीख बदल जे उधामा करेल ए जगजाहेर छे. आखी वीगत सुपरीम कोर्ट सुधी कहेल.

कमाल तो जुओ राज्यसरकार सुपरीम कोर्टने एफीडीवीट करी हा एफीडेवीट करी बाबरी मस्जीदना रक्षणनी जवाबदारी ले अने हीन्दुओना जनुनी टोळाए ए ईमारत तोडी पाडी. एमां हालनी केन्द्र सरकारना मोटा मोटा राजकरणीओ पण हता. आ छे आखी दुनीयामां आंतकवादनी जड. पठाणकोटमां जे आंतकीओ मर्या एनुं डीएनए शीवाजी, औरंगझेब, मुहम्मद गोर, मुहम्मद गजनवी, चंगीझखान, सम्राट अशोक के सीकंदरनी मळतुं हशे ज. 

मीत्रो पठाणकोट, भृष्टाचार लोकोनी नस नसमां दाखल थई गयेल छे. डीएनएमां बधु खबर पडी जशे..


Monday 4 January 2016

Hunt for Gunmen Continues at Air Base Near India-Pakistan Border

Hunt for Gunmen Continues at Air Base Near India-Pakistan Border







‘इसी हिंदू उन्माद के चलते पाकिस्तान बना था’




सऊदी अरब ने प्रमुख शिया धर्मगुरु शेख निम्र अल निम्र को फांसी दे दी है.
देश के गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
मंत्रालय की ओर कहा गया है कि निम्र उन 47 लोगों में थे जिन पर चरमपंथ के आरोप थे.



Saturday 2 January 2016

2015नुं मारुं सरवैयुं -

2015नुं मारुं सरवैयुं  -  

फेवबुक अने मारी वेब साईट उपरथी आखा वरसनो हीसाब नीचे मुजब छे. 

आखा वरसमां मुंबईथी कच्छनी घणी मुलाकातो लीधी अने डीसेम्बर महीनामां त्रण वखत मुलाकात लीधेल. भुजमां समुह लग्नमां हाजरी आपी.

2001थी फेमीली ट्री बनाववानुं शरु करेल.  आ अगाउ मारा दादाए 1956मां, मारी माता अने मासीए 1962मां, 1991मां मारा पीताजी अने पीताजीना मीत्र पडोसी खीमजीभाई वालजी वोराए अने 2001मां मारा भाई गांगजीए कुटुंबनी नोंध माटे वीगतो भेगी करेल पण 200थी वधारे भेगी थई शकेल नहीं. मार्च - एप्रीलमां में अने बहेने प्रयत्न करी आखा कुटुंबनी वीगतो भेगी करी. वर्ल्ड हेरीटेज जेवा आ कुटुंबमां 557नी वीगतो मुकी छे अने हजी वीगतो मुकवानुं चालु छे. (આજ રવીવાર 24.06.2018 ના 2900 થી વધુ) 

मार्च एप्रीलमां सामाजीक खटरागना कारणे टेलीफोननो बील चेक अने लाभार्थी लोन चेक लखवामां तारीख खोटी लखाई गई अने बन्ने चेक बेन्के पाछा फेरव्या. बेन्कींग व्यवहारमां छेल्ला 40-50 वरसमां आ घटना मारा माटे असामान्य हती.

झवेरचंण्द मेघाणीनी टुंकी वार्ताओ अने एना नाटकोमां फेरफारने स्केन करी बधा माटे नेट उपर मुक्या.

मुंबईनी बाजुमां लोनावाला पासे कार्लानी मुलाकातमां बे वखत पहाड उपरथी अधवच्चे पाछो फरेल पण छेवटे सफळ थयो अने मुलाकात लई कार्ला केव्सना अधध घणां फोटा पाड्या.

झाडो वाव्या माटे खुब प्रयत्न कर्या अने वडना झाड वावमां लगभग सफळ थयो.
साचुं खोटुं राम जाणेनी शरुआत करी.
देशना बंधारणनी कलम 48 नो अभ्यास कर्यो अने एनी वीगतोने लीपीबद्ध करवानुं बाकी छे.

बधा फोटाओ अने आ लखांण फेसबुक अने मारी वेबसाईट उपर मुकेल छे. 

मोबाईल, केमेरा, नेट, फेसबुकनो भरपुर उपयोग कर्यो.

















Friday 1 January 2016

आचार्य हेमचन्द्र - परिचय.. मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी

आचार्य हेमचन्द्र - परिचय.. मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी


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