नवभारत टाइम्स
तंबाकू की खेती पर लगेगी लगाम
29 Oct 2011, 0400 hrs IST
कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने तंबाकू की खेती पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। सरकार का इरादा अगले 10 बरसों में इसके उत्पादन को एक तिहाई पर लाने का है।
तंबाकू भारत की एक कीमती नकदी फसल है। करीब चार लाख 50 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती की जाती है। सरकार का इरादा 2020 तक इसके रकबे को दो लाख हेक्टेयर पर लाने का है। इसके लिए वह तंबाकू उगाने वाले किसानों को दूसरी फसलें पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और जरूरी सब्सिडी देगी। इसके साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के रोजगार पर संकट पैदा न हो, इसके लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है।
सब्सिडी किस रूप में और कितनी होगी, इस पर विचार चल रहा है। भारत में अभी तंबाकू का सालाना उत्पादन करीब 75 करोड़ किलो है। सरकार इसे अगले 10 साल में एक तिहाई पर लाना चाहती है। योजना के पहले चरण में खाए जाने वाले तंबाकू के उत्पादन में कमी लाई जाएगी। बीड़ी-सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू की खेती पर अभी रोक नहीं लगाई जाएगी।
भारत ने तंबाकू के इस्तेमाल पर नियंत्रण के मकसद से विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ एक करार पर दस्तखत किए हैं। इस कारण उसे चरणबद्ध तरीके से इसका उत्पादन कम करना होगा। सूत्रों का कहना है कि तंबाकू का उत्पादन कम करने के फैसले से कृषि मंत्रालय और केंद्रीय तंबाकू शोध संस्थान सहमत नहीं हैं। उनका तर्क है कि अमेरिका और चीन ने भी इस करार पर दस्तखत किए हैं और बावजूद इसके, वे तंबाकू के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय तंबाकू के उत्पादन पर लगाम लगाने के लिए कमर कसे हुए है। उसका कहना है कि देश में तंबाकूू के कारण कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे देश पर आर्थिक बोझ तो बढ़ ही रहा है, बेशकीमती जानें भी जा रही हैं।
जिंदगी पर भारी
भारत में तंबाकू का कई रूपों में सेवन किया जाता है। बीड़ी - सिगरेट , हुक्के के अलावा गुटखे , खैनी के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में ही एक सर्वे में कहा है कि तंबाकू का सेवन करने वाले आधे लोग इसका शिकार बन जाते हैं। पूरी दुनिया में यह हर साल 60 लाख लोगों को मौत की नींद सुला देता है। इनमें से करीब 80 फीसदी मौतें गरीब देशों में होती हैं। तंबाकू का सेवन करने के मामले में भारत का दुनिया में दूसरा नंबर है। यही वजह है कि इसके कारण यहां हर साल करीब 10 लाख लोगों की जान चली जाती है। देश के करीब 35 फीसदी वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और इनकी तादाद बढ़ रही ह ै।
तंबाकू की खेती पर लगेगी लगाम
29 Oct 2011, 0400 hrs IST
कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने तंबाकू की खेती पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। सरकार का इरादा अगले 10 बरसों में इसके उत्पादन को एक तिहाई पर लाने का है।
तंबाकू भारत की एक कीमती नकदी फसल है। करीब चार लाख 50 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती की जाती है। सरकार का इरादा 2020 तक इसके रकबे को दो लाख हेक्टेयर पर लाने का है। इसके लिए वह तंबाकू उगाने वाले किसानों को दूसरी फसलें पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और जरूरी सब्सिडी देगी। इसके साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के रोजगार पर संकट पैदा न हो, इसके लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है।
सब्सिडी किस रूप में और कितनी होगी, इस पर विचार चल रहा है। भारत में अभी तंबाकू का सालाना उत्पादन करीब 75 करोड़ किलो है। सरकार इसे अगले 10 साल में एक तिहाई पर लाना चाहती है। योजना के पहले चरण में खाए जाने वाले तंबाकू के उत्पादन में कमी लाई जाएगी। बीड़ी-सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू की खेती पर अभी रोक नहीं लगाई जाएगी।
भारत ने तंबाकू के इस्तेमाल पर नियंत्रण के मकसद से विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ एक करार पर दस्तखत किए हैं। इस कारण उसे चरणबद्ध तरीके से इसका उत्पादन कम करना होगा। सूत्रों का कहना है कि तंबाकू का उत्पादन कम करने के फैसले से कृषि मंत्रालय और केंद्रीय तंबाकू शोध संस्थान सहमत नहीं हैं। उनका तर्क है कि अमेरिका और चीन ने भी इस करार पर दस्तखत किए हैं और बावजूद इसके, वे तंबाकू के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय तंबाकू के उत्पादन पर लगाम लगाने के लिए कमर कसे हुए है। उसका कहना है कि देश में तंबाकूू के कारण कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे देश पर आर्थिक बोझ तो बढ़ ही रहा है, बेशकीमती जानें भी जा रही हैं।
जिंदगी पर भारी
भारत में तंबाकू का कई रूपों में सेवन किया जाता है। बीड़ी - सिगरेट , हुक्के के अलावा गुटखे , खैनी के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में ही एक सर्वे में कहा है कि तंबाकू का सेवन करने वाले आधे लोग इसका शिकार बन जाते हैं। पूरी दुनिया में यह हर साल 60 लाख लोगों को मौत की नींद सुला देता है। इनमें से करीब 80 फीसदी मौतें गरीब देशों में होती हैं। तंबाकू का सेवन करने के मामले में भारत का दुनिया में दूसरा नंबर है। यही वजह है कि इसके कारण यहां हर साल करीब 10 लाख लोगों की जान चली जाती है। देश के करीब 35 फीसदी वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और इनकी तादाद बढ़ रही ह ै।
No comments:
Post a Comment
કોમેન્ટ લખવા બદલ આભાર