देश में 23 करोड़ 'भूखे', कैसे बनेंगे सुपरपावर?
सुबोध वर्मा।।
एक तरफ हमारे नेता भारत को सुपरपावर बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश की लगभग एक चौथाई आबादी भूखमरी और कुपोषण के जाल में फंसी हुई है। हाल ही में किए गए एक रिसर्च में जो आंकड़े सामने आए हैं उसकी तस्वीर काफी डरवानी है। इसके मुताबिक, भारत के 21 फीसदी लोग कुपोषण के शिकार हैं। 5 साल से कम उम्र के 44 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है। इसमें से 7 फीसदी बच्चों की मौत 5 साल की उम्र से पहले ही हो जाती है। भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है, जहां सबसे ज्यादा लोग भूखे रहते हैं। भारत इस मामले में सिर्फ कॉन्गो, चाड, इथियोपिया या बुरुंडी से बेहतर है। आप जानकर चौंक जाएंगे कि भारत की हालत सूडान, नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान, नेपाल जैसे पिछड़े देशों से भी बदतर है
इंटरनैशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट (आईएफपीआरआई) के मुताबिक ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) में कुपोषण के मामले में भारत 80 देशों की लिस्ट में 67वें नंबर पर है।
जीएचआई रिसर्चर्स ने जो आंकड़े इकट्ठे किए हैं, उनके मुताबिक 1990 के बाद बच्चों की मृत्यु दर और कुपोषण में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन जनसंख्या के मुकाबले भूखे लोगों का अनुपात बढ़ा है.
जीएचाआई के मुताबिक आज भारत में 21 करोड़ 30 लाख लोग कुपोषण के शिकार हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी फूड ऐंड ऐग्रिकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) के मुताबिक इस आंकड़े में 23 करोड़ लोग हैं। आंकड़ों में यह अंतर इसलिए है क्योंकि एफएओ का आधार खाने के जरिए ली गई कैलरी है जबकि हंगर इंडेक्स ज्यादा चीजों के जरिए मापा गया है।
तेजी से विकास कर रहे भारत के लिए यह आंकड़ा काफी शर्मनाक है, क्योंकि दुनिया में कुल 82 करोड़ लोग भूखे हैं और इसके एक-चौथाई सिर्फ भारत में हैं। 2004-05 में नैशनल फैमिली ऐंड हेल्थ सर्वे के मुताबिक 23 फीसदी शादीशुदा पुरुष, 52 फीसदी शादीशुदा महिलाएं और 72 फीसदी नवजात बच्चे खून की कमी के शिकार हैं। यह इस बात का साफ संकेत है कि भारत में बड़े संख्या में परिवार भरपेट भोजन से महरूम है।
भारत को इस स्थिति से निपटने के लिए क्या करना चाहिए ?
भारत में पहले से ही दुनिया के 2 सबसे बड़े न्यूट्रिशन प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं, स्कूलों के लिए मिड-डे मील और छोटे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी, जहां पर बच्चों को ताजा खाना दिया जाता है। लेकिन इसमें भी बहुत कमियां हैं। आंगनबाड़ी वर्कर्स फेडरेशन के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 73, 375 और सुपरवाइज़र्स की 16, 251 पोस्ट खाली पड़ी है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करके और इसके जरिए सही मात्रा में खाद्यान्न देकर इस समस्या से निपटा जा सकता है।1111111111
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/11495299.cms
http://www.divyabhaskar.co.in/article/ABH-editorial-malnutrition-a-national-shame-2738149.html