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Friday 27 September 2019

Tripura HC bans state-sponsored goat sacrifice at Tripureswari temple

HIGH COURT OF TRIPURA _A_G_A_R_T_A_L_A_ Writ Petition(C)(PIL) No.2/2018 Sri Subhas Bhattacharjee, S/o Late Digendra Kumar Bhattacharjee, resident of Flat No.1B7, Dreamz Exotica, VIP road, P.O. – Kunjaban, PS – New Capital Complex, Kunjaban, Agartala, Tripura West, Pin – 799006.


Tripura HC bans state-sponsored goat sacrifice at Tripureswari temple

NEW DELHI: The Tripura high court on Friday ordered a comple .. 



See Court order on Tripur Highcourt

https://services.ecourts.gov.in/ecourtindiaHC/cases/display_pdf.php?filename=rC8SUFuyEFsvB5V61cXUrJZjizMjRNu9DhCAxk0WlZq9sCWKCCrjaH3kt03doOpM&caseno=WP(C)(PIL)/2/2018&cCode=1&appFlag=



https://services.ecourts.gov.in/ecourtindiaHC/cases/display_pdf.php?filename=rC8SUFuyEFsvB5V61cXUrJZjizMjRNu9DhCAxk0WlZq9sCWKCCrjaH3kt03doOpM&caseno=WP(C)(PIL)/2/2018&cCode=1&appFlag=


Saturday 21 September 2019

एक नाटक बनकर रह जाएगी, जिसमें आभासी (वर्चुअल) होना ही असलियत लगता है और असलियत ही अवास्तविकता बन जाती है.

From BBC Hindi and English...

एक नाटक बनकर रह जाएगी, जिसमें आभासी (वर्चुअल) होना ही असलियत लगता है और असलियत ही अवास्तविकता बन जाती है.

https://www.bbc.com/hindi/india-49774517


From Navbharat Times Hindi

135 सीटों पर लड़ना चाहती है शिवसेना
शिवसेना 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 135 सीटों पर लड़ना चाहती है और बीजेपी के हिस्से में भी इतनी ही सीटें देना चाहती है। वहीं, बाकी बची 18 सीटें सहयोगियों के लिए रखने के फॉम्युर्ले पर राजी है, लेकिन अब भाजपा इसे स्वीकार नहीं कर रही। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'बीजेपी शिवसेना को 120 से ज्यादा सीट नहीं देना चाहती और यह हमें स्वीकार नहीं है। इस साल फरवरी में गठबंधन की घोषणा से पहले उद्धव ठाकरे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच विधानसभा चुनाव में बराबर सीटों पर लड़ने की सहमति बनी थी।'

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शिवसेना से अधिक सीटें चाहती है बीजेपी
बीजेपी के एक नेता ने तर्क दिया कि 2014 के चुनाव के मुकाबले इस साल आम चुनाव में पार्टी की वोट शेयर बढ़ गया है। हमारे नेता पीएम नरेंद्र मोदी की छवि के बूते ही लोकसभा में शिवसेना के 18 नेता अपनी सीटों को सुरक्षित रख पाए। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि शिवसेना के मुकाबले हमें ज्यादा सीटें मिलें। यह हालिया रुझान को देखते हुए ही है।

शिवसेना कई मुद्दों पर बीजेपी को आड़े हाथों ले रही है। कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं को बीजेपी में शामिल करने और अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग को लेकर वह उस पर हमला कर रही है। हालांकि भाजपा नेता इसे शिवसेना का दांव बता रहे हैं ताकि वह सीट शेयरिंग पर मोलभाव कर सके।

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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान होगा, जबकि 24 अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनावी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि दोनों राज्यों में 27 सितंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। 4 अक्टूबर तक नामांकन किया जा सकता है और 7 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों की 64 विधानसभा सीटों और बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी 21 अक्टूबर को होगा।

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राष्ट्रपति ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस वीके ताहिलरमानी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उनकी जगह जस्टिस विनीत कोठारी को मद्रास हाई कोर्ट का ऐक्टिंग चीफ जस्टिस बनाया गया है। दरअसल, कलिजियम ने 28 अगस्त को ताहिलरमानी का ट्रांसफर मेघालय हाई कोर्ट में कर दिया था, जिसके विरोध में उन्होंने 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट को इस्तीफा सौंप दिया था।

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आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में हिंसक घटनाएं होने की प्रबल संभावना थी, लेकिन सेन्य बल ने उचित कदम उठाते हुए अबतक वहां ऐसा कुछ नहीं होने दिया। अब जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया है कि घाटी के हालात बिल्कुल सामान्य हैं और लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा चुका है। सूत्रों ये यह भी पता चला कि आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के बाद करीब 4000 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से 3100 लोगों को रिहा कर दिया गया है।

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BBC  Hindi


निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तारीख़ों की घोषणा कर दी है. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तारीखों की घोषणा की.
दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे, जबकि वोटों की गिनती का काम 24 अक्टूबर को होगा.
तारीख़ों की घोषणा से पहले उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग दोनों राज्यों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
दोनों राज्यों में ईवीएम मशीन के द्वारा ही मतदान कराए जाएंगे. महाराष्ट्र में 1.8 लाख ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा जबकि हरियाणा में एक लाख तीस हज़ार ईवीएम मशीनों के द्वारा मतदान प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी.

महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. जिसमें से 234 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं जबकि 29 सीटें अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. महाराष्ट्र में कुल 8.94 करोड़ मतदाता है.
साल 2014 में महाराष्ट्र राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे मज़बूत दल बनकर उभरी थी. उसे 122 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. हालांकि उसे बहुमत तो नहीं मिला था लेकिन वो शिवसेना के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने में कामयाब रही थी.
वहीं हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीट हैं. हरियाणा में 1.82 करोड़ मतदाता हैं. साल 2014 के चुनावों में बीजेपी को 47 सीटें हासिल हुई थीं. जबकि कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं.
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल जहां 2 नवंबर को समाप्त हो रहा है वहीं महाराष्ट्र का 9 नवंबर को.
उम्मीदवारों के लिए 28 लाख रुपये की ख़र्च सीमा तय की गई है. इसका मतलब ये हुआ कि कोई भी उम्मीदवार 28 लाख रुपये से ज़्यादा ख़र्च नहीं कर पाएगा. हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह ज़रूर कहा कि चुनावी ख़र्च बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.

एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, 'बीजेपी को समर्थन देना हमारी ऐतिहासिक भूल थी'


पहाड़ी गुफाओं से निकले शिलाजीत में ऐसा क्या ख़ास है?


मोदी सरकार क्या बजट में हुई चूक को अब सुधार पाएगी- नज़रिया




Tuesday 17 September 2019

કાબે અર્જુન લુંટીયો, વોહી ધનુષ વોહી બાણ ..... મુઈ ખાલકી સાંસ સે લોહા ભશ્મ હો જાય .....

કાબે અર્જુન લુંટીયો, વોહી ધનુષ વોહી બાણ........

મુઈ ખાલકી સાંસ સે લોહા ભશ્મ હો જાય .....

'Drone' attack on Saudis destabilises an already volatile region





Yemen war: Has anything been achieved?

https://www.bbc.com/news/world-middle-east-49179146





Oil prices soar after attacks on Saudi facilities

https://www.bbc.com/news/business-49710820




Iran-US tensions: What's going on?







Monday 16 September 2019

धनवान सऊदी अरब बलवान क्यों नहीं बन पा रहा?

From BBC   English and Hindi...



सऊदी अरब ख़ुद पर हमला क्यों नहीं रोक पा रहा


https://www.bbc.com/hindi/international-49711566





धनवान सऊदी अरब बलवान क्यों नहीं बन पा रहा?





क्या सऊदी अरब का पूरा कुनबा बिखर जाएगा?



Saudi oil attacks: US says intelligence shows Iran involved





A displaced family from near the front lines that has been living in front of a Sana school since August. Lynsey Addario for The New York Times


બીબીસી અંગ્રેજીમાંથી અહીં ઘણાં ફોટા છે.  https://www.bbc.com/news/world-middle-east-49718975






Saturday 14 September 2019

अरामको पर ड्रोन हमले Saturday 14.09.2019

अरामको पर ड्रोन हमले

https://www.bbc.com/hindi/international-41958811



Saturday  14th Sept.,2019

https://www.bbc.com/hindi/international-49700600

https://www.bbc.com/hindi/international-49705259

https://www.bbc.com/hindi/international-49781490

https://www.bbc.com/hindi/international-47787513


https://en.wikipedia.org/wiki/2019_Abqaiq%E2%80%93Khurais_attack

On 14 September 2019, drones were used to attack the state-owned Saudi Aramco oil processing facilities atAbqaiq (Biqayq in Arabic) and Khurais in eastern Saudi Arabia. The Houthi movement in Yemen claimed responsibility, tying it to events surrounding the Saudi Arabian intervention in the Yemeni Civil War and stating they used ten drones in the attack launched from Yemen, south of the facilities. Saudi Arabian officials said that many more drones and cruise missiles were used for the attack and originated from the north and east, and that they were of Iranian manufacture. The United States and Saudi Arabia have stated that Iran was behind the attack while France, Germany, and the United Kingdom jointly stated Iran bears responsibility for it. Iran has denied any involvement. The situation has exacerbated the Persian Gulf crisis.

एक समूह से बिछड़ी 60 वर्षीय महिला से उनका नाम पूछ रहा है तो उन्होंने जवाब दिया, "राम बिसाल की अम्मा.

From  BBC  Hindi



https://www.bbc.com/hindi/india-47045232

https://www.bbc.com/hindi/india-49676512

https://www.bbc.com/hindi/india-43850487

https://www.bbc.com/hindi/india-43850487









"बच्चों को हम साथ ले आए. फिर गुरूवार शाम 7 बजे हमने पूरे एहतियात के साथ दोनों बच्चों को प्लास्टिक के बक्सों में रख कर उन्हें वहीं रख दिया जहां वो हमें मिले थे. वहां पर रिमोट कंट्रोल से चलने वाले दो कैमरे भी लगा दिए ताकि हम बच्चों और उनकी माँ के पुनर्मिलन का वीडियो बना सकें."
क़रीब दो घंटे के इंतज़ार के बाद बच्चों की माँ वहां आयी. उसने बड़े ही सफाई से दोनों बच्चों को बक्सों से निकाला और उन्हें साथ ले कर जंगल में ग़ायब हो गई.

Friday 13 September 2019

वोटसएप उपर कच्छना वीवीध समाजोमां थता आत्महत्या बाबत नीयमीत समाचार आवे छे. जुओ बीबीसी शुं कहे छे.

Thursday 12 September 2019

समाचारों की दुनिया की वो तस्वीरें जिन पर लोगों की नज़रें ठहरीं. BBC Hindi

अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के एक महीने से ज़्यादा हो गए हैं लेकिन स्थितियां सामान्य नहीं हुई हैं. भारत प्रशासित कश्मीर के श्रीनगर में दो बच्चे कुछ इस तरह वीरान सड़कों पर साइकिल चलाते नज़र आए.




https://www.bbc.com/hindi/media-49634971




जब ख़त्म हुए डायनासोर, कैसा था पृथ्वी पर वो आख़िरी दिन?


https://www.bbc.com/hindi/science-49659036

Sunday 8 September 2019

अफ़ग़ानिस्तानः ट्रंप ने तालिबान से समझौता रद्द किया

https://www.bbc.com/hindi/international-49624283


ट्रंप ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा है कि उन्हें रविवार को कैंप डेविड में तालिबान नेताओं और अफ़ग़ान राष्ट्रपति के साथ एक गुप्त बैठक में हिस्सा लेना था मगर अब इसे रद्द कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि काबुल में हुए कार बम धमाके के बाद यह क़दम उठाया जा रहा है जिसमें एक अमरीकी सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी. तालिबान ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी.
अफ़ग़ानिस्तान के लिए विशेष अमरीकी राजदूत ज़ल्मे ख़लीलज़ाद ने गत सोमवार को तालिबान के साथ 'सैद्धांतिक तौर' पर एक शांति समझौता होने का एलान किया था.
प्रस्तावित समझौते के तहत अमरीका अगले 20 हफ़्तों के भीतर अफ़ग़ानिस्तान से अपने 5,400 सैनिकों को वापस लेने वाला था.


Why is there a war in Afghanistan? The short, medium and long story


Wednesday 4 September 2019

'मोदी सरकार की इस चूक से लगा अर्थव्यवस्था पर ब्रेक': नज़रिया

From  BBC  Hindi....




https://www.bbc.com/hindi/india-49552930



ध्यान दीजिए कि स्वदेशी का राग मोदी सत्ता ने बिल्कुल नहीं गाया. लेकिन चले आ रहे आर्थिक सुधार को भ्रष्ट्राचार के नज़रिये से ही परखा और एक-एक करके कमोबेश हर क्षेत्र को सरकारी नज़र के दायरे में इस तरह लाया गया जहां सरकार से नज़दीकी रखने पर ही लाभ मिलता.
साथ ही कॉरपोरेट पॉलिटिकल फ़ंडिंग सबसे ज़्यादा ना सिर्फ़ मोदी सत्ता के दौर में हुई बल्कि 90 फ़ीसदी बीजेपी को हुई. लेकिन वक्त के साथ सरकार सेलेक्टिव भी होती गई और जो प्रतिस्पर्धा निजी क्षेत्र में होनी चाहिए थी, वह सरकार की मदद से बढ़ती कंपनियों ने खत्म कर दी.
साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा करने वाली निजी कंपनियों को सरकार ने ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियो को ख़त्म करने की क़ीमत पर बढ़ाया. बीएसएनएल और जियो इसका बेहतरीन उदाहरण है.


क्यों दलितों और सवर्णों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है?

From  BBC Hindi....

जब कामकाजी दफ्तरों और शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत आधार पर भेदभाव के मामले सामने आ रहे हैं, उसी समय में भारत के दलित युवा भेदभाव वाली परंपराओं को चुनौती भी दे रहे हैं.
इसी साल मई के महीने में गुजरात के राजकोट जिले के धोराजी इलाके में सामूहिक विवाह समारोह में 11 दलित दूल्हे शामिल थे. अपनी बारात में ये दलित लड़के घोड़ों पर बैठे हुए थे.
छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन इस इलाके के लिए एक अहम बदलाव था क्योंकि अब तक यहां बारात में घोड़ों पर बैठने की परंपरा केवल सवर्णों में ही थी.
यही वजह है कि इस शादी समारोह को लेकर इलाके में जातिगत तनाव उत्पन्न हो गया था और इस आयोजन के दौरान पुलिस सुरक्षा मांगी गई थी.
इस सामूहिक विवाह के आयोजकों में शामिल योगेश भाषा ने बीबीसी को बताया कि दलित समुदाय यह बताना चाहता है कि वे अब किसी तरह का भेदभाव नहीं सहेंगे. योगेश के मुताबिक धारोजी इलाके के ज़्यादातर दलितों ने अच्छी शिक्षा हासिल की है.

मध्याह्न भोजन योजना यानी मिड डे मील शायद उन योजनाओं में सबसे ऊपर हो जो अक़्सर अपनी उपलब्धियों को लेकर नहीं बल्कि ख़ामियों और भ्रष्टाचार की वजह से चर्चित रहती है.
चाहे खाने की गुणवत्ता का सवाल हो, खाना बनाने में लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला हो या फिर खाना खाते समय छात्रों के साथ सामाजिक भेदभाव का, आए दिन ऐसी ख़बरें आती रहती हैं.
पिछले महीने बलिया ज़िले में कथित तौर पर दलित छात्रों को अलग खाना परोसने की ख़बर आई तो मिर्ज़ापुर में छात्रों को पौष्टिक भोजन के नाम पर सिर्फ़ नमक और रोटी खाने को दिया गया.
बलिया में तो ज़िलाधिकारी ने मौक़े पर पहुंचकर ख़बर को निराधार बताते हुए कुछ विरोधी नेताओं को ही आड़े हाथों लिया, वहीं मिर्ज़ापुर में अधिकारियों ने चार दिन बाद उसी पत्रकार के ख़िलाफ़ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए क़ानूनी कठघरे में खड़ा कर दिया जिसने छात्रों को नमक रोटी देने की ख़बर दिखाई थी.











भारतीय अर्थव्यवस्था पाँच से नहीं, शून्य की दर से बढ़ रही- नज़रिया






क्या विनिवेश से भारत में बेरोज़गारी बढ़ने वाली है?