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15:24... Monday 20th April, 2020..
पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना पर बोले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
15:24... Monday 20th April, 2020..
पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना पर बोले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
पालघर में मॉब लिंचिंग में तीन लोगों के मारे जाने की घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को बयान दिया.
उन्होंने कहा, “यह घटना 16 तारीख़ को हुई. पिछले पांच साल में भी हमारे राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाऐं हुईं. ये नहीं होना चाहिए था. पालघर से 110 किलोमीटर दूर दादर-नगर हवेली की सीमा के पास ये घटना हुई.”
उद्धव ठाकरे ने बताया किवो साधू सीधे रास्ते से जाने में असमर्थ थे इसलिए उन्होंने यह रास्ता चुना, यह क़स्बा बिलकुल अंदरुनी इलाक़े में है वो दोनों गुजरात की तरफ़ जा रहे थे. उनको वहां रोका गया. लौटते समय ग़लतफ़हमी के चलते उन पर हमला हुआ और उनकी मौत हो गई. उस समय पुलिस पर भी हमला हुआ.
इस घटना के बाद रात को 12.30 बजे के क़रीब पुलिस वहां पहुंची और घने अंधेरे में आरोपी लोगों को ढूंढने की मुहिम चालू हुई.
उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को (दूसरे दिन) 100 से ज़्यादा आरोपी पकड़े गए, वे अभी पुलिस हिरासत में हैं. आरोपियों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जो लोग इस घटना के चलते लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं,वे ऐसा ना करें क्योंकि इससे धर्म का कोई संबंध नहीं है.
इस मामले की जांच के लिए एक टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है.
https://www.bbc.com/hindi/live/india-52349838
16:14 Hrs. Wed., 22nd April, 2020.... BBC Hindi....
https://www.bbc.com/hindi/india-52379132
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https://www.bbc.com/hindi/india-52379132
पालघर लिंचिंग: पालघर के जिस गांव में साधुओं की हत्या हुई वहां मुसलमान रहते हैं?-फ़ैक्ट चेक
महाराष्ट्र के पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल को हुई साधुओं की मॉबलिंचिंग का वीडिया ख़ूब वायरल हुआ. साथ ही इस घटना को संप्रादायिक रंग देने की कोशिश भी की गई.
गुरुवार की देर रात को भीड़ ने तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी जिसमें दो साधुओं की पहचान 70 साल के महाराज कल्पवृक्षगिरी, 35 साल के सुशील गिरी महाराज और एक उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाने के तौर पर गई है.
पालघर पुलिस ने इस मामले में 110 लोगों की गिरफ़्तारी की है, जिसमें से 9 लोग नाबालिग़ हैं. मामले में दो पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया है.
इस घटना के वीडियो के कई छोट-छोटे हिस्से वायरल हुए हैं. जिसमें साधु रोते हुए हाथ जोड़कर भीड़ के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं लेकिन भीड़, जिसके हाथ में डंडे हैं वो साधुओं पर हमला बोल देती है.
इन वीडियो में पुलिस भी नज़र आ रही है जो साधुओं को बचाने की कोशिश करती नहीं दिख रही है.
बीबीसी ने ये जानने-समझने की कोशिश की कि आख़िर इस गांव की आबादी कैसी है?
समझिए, कैसा है गढ़चिंचले गांव
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक़ गढ़चिंचले गांव में 248 परिवार रह रहे हैं और कुल आबादी 1208 लोगों की है.
चुनावी सर्वे करने वाली मुंबई की संस्था पोलडायरी ने गढ़चिंचले गांव की जनसंख्या और यहां के सामाजिक पहलुओं का अध्ययन किया है. जिसके मुताबिक़ इस गांव में 1198 परिवार आदिवासी हैं और केवल एक परिवार पिछड़ी जाति का रहता है.
56 फ़ीसदी आबादी कोकना आदिवासी समुदाय, 34 फ़ीसदी वर्ली समुदाय, 6 फ़ीसदी कतकारी समुदाय और 4 प्रतिशत मल्हार जाति के लोग हैं.
पोलडायरी के 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों से ज़ाहिर है कि इस गांव में मुसलमान आबादी की कोई बसावट नहीं है.
कैसे घटना को दिया गया सांप्रदायिक एंगल
रविवार को इस घटना का 45 सेकेंड का एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जाने लगा और दावा किया गया कि वीडियो के 43वें सेकेंड पर उन्मादी भीड़ कह रही है, ''मार शोएब मार ''
सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर सुरेश चव्हानके और फ़िल्ममेकर अशोक पंडित जैसे कई लोगों ने ये दावा किया कि वीडियो में 'शोएब' बोला जा रहा है.
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