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Tuesday 28 January 2020

नांबी नारायणन: जासूसी स्कैंडल जिसने एक वैज्ञानिक का करियर तबाह कर दिया

नांबी नारायणन: जासूसी स्कैंडल जिसने एक वैज्ञानिक का करियर तबाह कर दिया



कल्पना कीजिए कि एक नाटकीय लम्हे में आपकी पूरी ज़िंदगी बदल जाए. 25 साल पहले ऐसा ही कुछ भारत के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के साथ हुआ, जब पुलिस अधिकारियों ने उनका दरवाज़ा खटखटाया.
वो सर्दियों की दोपहर थी. केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम की संकरी गली में बसे एक घर पर तीन पुलिस अधिकारी पहुंचे. नांबी नारायणन याद करते हैं कि कि तीनों पुलिस अधिकारी उनके साथ विनम्रता और सम्मान से पेश आ रहे थे.
पुलिस अधिकारियों ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक नारायणन को बताया कि उनके बॉस (डीआईजी) उनसे बात करना चाहते हैं



https://www.bbc.com/hindi/india-51279846

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले में मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को दोषी ठहराया गया था. इन चारों को एक फरवरी को फाँसी दी जानी है.


क्या था पूरा मामला?

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.
चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख अभियुक्त राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.
एक अन्य अपराधी, जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था.
साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.




https://www.bbc.com/hindi/vert-earth-51210900
मक्खियां, मच्छर और तमाम दूसरे कीड़े-मकोड़े जब हमारे घरों, खाने के ऊपर मंडराते हुए दिखते हैं तो बेशक हमें ग़ुस्सा आता है. कभी-कभी हम उन्हें मारने के तमाम इंतज़ाम भी करते हैं.
लेकिन आगे से जब भी आप ऐसा करने वाले हों तो आपको ऐसा करने से पहले दो बार सोचना चाहिए, क्योंकि कीड़ों की आबादी दुनिया भर में तेज़ी से कम हो रही है. कीड़े हमारे वातावरण के संरक्षण और खाद्य पदार्थों के उत्पादन में भी अहम भूमिका निभाते हैं.
लंदन के नैचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम की सीनियर क्यूरेटर डॉ. एरिका मेकलिस्टर कहती हैं, "अगर हम दुनिया से सारे कीड़ों को ख़त्म कर दें तो हम भी ख़त्म हो जाएंगे."
अगर आप ये पूछें कि कीड़ों का काम क्या है तो सबसे अहम काम ये है कि कीड़े जैविक संरचनाओं को तोड़कर उनके अपघटन यानी ख़त्म करने की प्रक्रिया को तेज़ करते हैं.
कीड़े इस तरह मिट्टी में भी उर्वरकों का संचार करते हैं.


https://www.bbc.com/hindi/vert-fut-51222774
जीवाश्म आख़िर क्या है? आप ये सवाल किसी 12 बरस के बच्चे से पूछें, या किसी नौकरीपेशा वयस्क से. बहुत से ऐसे लोग हैं, जो इसे समझाने में मुश्किल महसूस करेंगे.
बहुत सी स्थानीय भाषाओं में विज्ञान से जुड़े शब्दों के लिए लफ़्ज़ नहीं होते.
दक्षिण अफ़्रीका की ज़बान ज़ुलू या आईज़ुलू को ही लीजिए. यहां बहुत से पढ़ने वाले बच्चों के लिए विज्ञान पढ़ना दोहरी चुनौती होती है. पहले तो उसे अंग्रेज़ी में समझें. फिर उसे अपनी मादरी ज़बान ज़ुलू में अनुवाद करें.
अक्सर होता ये है कि जीवाश्म जैसे वैज्ञानिक शब्द के लिए ज़ुलू भाषा में शब्द नहीं होते.
दक्षिण अफ़्रीका में क़रीब सवा करोड़ लोग ज़ुलू भाषा बोलते हैं. इन्हें बहुत से वैज्ञानिक विचारों पर चर्चा करने में दिक़्क़त होती है.

https://www.bbc.com/hindi/international-50983283

आज यक़ीन करना भले मुश्किल हो, लेकिन 1960 के दशक में एक दौर ऐसा भी था जब अमरीका में हर छह दिन में एक हवाई जहाज हाईजैक हो जाता था. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 50 साल पहले, राफेले मिनिचिलो नाम के शख़्स ने दुनिया का सबसे लंबे समय तक चले हाईजैकिंग को अंजाम दिया था जिसे एक हद तक आकर्षक भी कहा जा सकता है. उस विमान से यात्रा करने वाले लोग कभी उसे माफ़ कर पाए?



Plane icon

21 अगस्त, 1962

दक्षिणी इटली की पहाड़ियों यानी नेपल्स से उत्तर पूर्व में अचानक से ज़मीन हिलने लगी, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए ये कोई अचरज नहीं हुआ क्योंकि ये भूकंप के लिहाज से यूरोप का सबसे संवेदनशील इलाका है और यहां के लोगों को इसकी आदत पड़ चुकी थी. शाम के शुरू होते ही आए इस भूकंप की तीव्रता रेक्टर स्केल पर 6.1 थी, जो डराने के लिए काफी था लेकिन इसके बाद आए दो तेज झटकों ने ज्यादा नुकसान किया था.
भूकंप के केंद्र से 20 किलोमीटर की दूरी और कुछ सौ मीटर उत्तर में मिनिचिलो का परिवार रहा था, तब राफेले की उम्र थी 12 साल. भूकंप के तीसरे झटके के बाद उनका गांव मिलिटो इरपिनो एकदम निर्जन हो चुका था. मिनिचिलो के परिवार के पास कुछ नहीं बचा था, राफेले ने बाद में याद किया कि अधिकारियों में से कोई मदद के लिए भी नहीं आया था.
नुक़सान इतना ज्यादा था कि पूरा का पूरा गांव को खाली करके फिर नए सिरे से बसाना पड़ा था. कई परिवार अपने गांव लौट आए थे लेकिन मिनिचिलो के परिवान ने बेहतर जीवन के लिए अमरीका जाना बेहतर समझा.
लेकिन राफेले मिनिचिलो ने अपने जीवन में युद्ध, आघात और कुख्याति ही हासिल की.




भारत के 'गुमशुदा 54 सैनिकों' का राज़



उन्हें, 'लापता 54' कहा जाता है. ये वो भारतीय सैनिक हैं, जो भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंगों के गुबार में भुला दिए गए.
इनके बारे में माना जाता है कि ये भारतीय सैनिक भारत के दुश्मन देश के उलटफेर भरे अशांत इतिहास के पन्नों में चुपचाप ही कहीं गुम हो गए.
भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर के विवादित इलाक़े पर क़ब्ज़े को लेकर दो बार जंग लड़ी हैं. पहला युद्ध तो आज़ादी के फ़ौरन बाद 1947-48 में ही हुआ था, जबकि, दोनों देशों ने कश्मीर को लेकर दूसरी जंग 1965 में लड़ी थी.
इन युद्धों के बाद, 1971 में 13 दिनों की जंग में, भारत के हाथों पाकिस्तान की शर्मनाक शिकस्त हुई थी. जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान का बांग्लादेश के नाम से एक नए संप्रभु राष्ट्र के रूप में उदय हुआ था.
पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान एक-दूसरे से क़रीब 1600 किलोमीटर या 990 मील से भी ज़्यादा दूर स्थित थे. जहां एक पश्चिम बंगाल और भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के बीच बसा था, वहीं दूसरा राजस्थान और गुजरात की सीमा से सटा था.


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