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Wednesday 10 February 2021

बाबर भारत में

From BBC Hindi बाबर एक ऐसा किरदार थे जो न केवल सफल थे, बल्कि सौंदर्य बोध और कलात्मक गुणों से भी भरपूर थे. मुग़ल सल्तनत के संस्थापक ज़हीर-उद-दीन मोहम्मद बाबर (1483-1530) को जहां एक विजेता के रूप में देखा और वर्णित किया जाता है, वहीं दूसरी ओर उन्हें एक बड़ा कलाकार और लेखक भी माना जाता है. आज के भारत में, बाबर को बहुसंख्यक हिंदू वर्ग की एक विशेष विचारधारा के लोग आक्रमणकारी, लुटेरा, सूदखोर, हिंदू दुश्मन, अत्याचारी और दमनकारी बादशाह भी मानते हैं. यह मुद्दा यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत की सत्तारूढ़ पार्टी, बाबर ही नहीं, मुग़ल सल्तनत से जुड़ी हर चीज़ के ख़िलाफ़ नज़र आती है. आज से लगभग पांच सौ साल पहले, बाबर ने एक सल्तनत की स्थापना की जो अपने आप में बेनज़ीर है. उन्होंने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोधी को हराया और भारत में एक नई सल्तनत की स्थापना की. अपने बुलंदी के दिनों में इस सल्तनत के क़ब्ज़े में दुनिया की एक चौथाई से अधिक दौलत थी. इस सल्तनत का क्षेत्रफल अफ़ग़ानिस्तान समेत लगभग पूरे उपमहाद्वीप पर फैला हुआ था.

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