મીત્રો છ ડીસેમ્બર નજીક આવે છે. આમ જોવા જોઈએ તો દર વરસે ડીસેમ્બર આવે છે અને એમાં છ ડીસેમ્બર હોય છે.
ભારતમાં છ ડીસેમ્બરનું મહત્વ થઈ ગયું છે. બીબીસી હીન્દીએ છ ડીસેમ્બર વીશે આખો લેખ તૈયાર કરેલ છે. જે વાંચો અને જુઓ એ દીવસે જનુની ટોળાએ બાબરીના ઢાંચાને કેવી રીતે તોડી પાડયું.
बाबरी विध्वंस मुकदमे : देर भी, अंधेर भी : BBC
बाबरी मस्जिद विध्वंस के पांच 'सूत्रधार'
इतिहास के पन्नों में छह दिसंबर
'हिंदुत्व के घृणित रुप' की वापसी का खतरा
મધ્યરાત્રીના રામ પ્રગટ થયા? વાંચો ટાઈમ્સ ઓફ ઈન્ડીઆ ૬.૧૨.૨૦૧૨ને
આને કલીક કરી બીબીસી હીન્દી સ્પેશીયલમાં વાંચો : बाबरी विध्वंस के 20 साल...
ભારતમાં છ ડીસેમ્બરનું મહત્વ થઈ ગયું છે. બીબીસી હીન્દીએ છ ડીસેમ્બર વીશે આખો લેખ તૈયાર કરેલ છે. જે વાંચો અને જુઓ એ દીવસે જનુની ટોળાએ બાબરીના ઢાંચાને કેવી રીતે તોડી પાડયું.
बाबरी विध्वंस मुकदमे : देर भी, अंधेर भी : BBC
बाबरी मस्जिद विध्वंस के पांच 'सूत्रधार'
इतिहास के पन्नों में छह दिसंबर
'हिंदुत्व के घृणित रुप' की वापसी का खतरा
મધ્યરાત્રીના રામ પ્રગટ થયા? વાંચો ટાઈમ્સ ઓફ ઈન્ડીઆ ૬.૧૨.૨૦૧૨ને
આને કલીક કરી બીબીસી હીન્દી સ્પેશીયલમાં વાંચો : बाबरी विध्वंस के 20 साल...
જાગરણ ડીસેમ્બર ૦૬, ૨૦૧૨ : मंदिर या मस्जिद-आज तक जिंदा है विवाद
ReplyDeleteमंदिर या मस्जिद-आज तक जिंदा है विवाद
જાગરણ ડીસેમ્બર ૦૬, ૨૦૧૨.
नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद के विवादास्पद ढाचे को गिराए जाने के गुरुवार को बीस वर्ष पूरे गए। इस बीच एक बार फिर से इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। बाबरी मस्जिद विवाद आजाद भारत का सबसे बड़ा विवाद है, जिसे आज तक पूरी तरह से हल नहीं किया जा सका है। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विवादित ढाचे को करीब डेढ़ लाख लोगों की भीड़ ने गिरा दिया था। इसके बाद देश में कई जगहों पर दंगे भड़क गए जिनमें दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इन दंगों की याद आज भी कई दिलों में ताजा है।
-क्या है विवाद:
हिंदुओं के मुताबिक भारत के प्रथम मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर 1527 में बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था। पुजारियों से हिंदू ढाचे या निर्माण को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा। 1940 से पहले, मस्जिद को मस्जिद-ए-जन्मस्थान कहा जाता था। हिंदुओं का तर्क है कि बाबर के रोजनामचा में विवादित स्थल पर मस्जिद होने का कोई जिक्र मौजूद नहीं है। लेकिन मुस्लिम समुदाय ऐसा नहीं है। उनके मुताबिक बाबर ने जिस वक्त यहा पर आक्रमण किया और मस्जिद का निर्माण करवाया उस वक्त यहा पर कोई मंदिर मौजूद नहीं था।
मुस्लिम समुदाय के मुताबिक 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस मस्जिद में रामलला की मूर्तिया रखवाने पर अपनी गहरी नाराजगी जताई थी और इस बाबत सूबे के मुखिया जेबी पंत को एक पत्र भी लिखा था। लेकिन पंत ने उनकी सभी आशकाओं को खारिज करते हुए अपना काम जारी रखा था।
1908 में प्रकाशित इंपीरियल गजेट ऑफ इंडिया में भी कहा गया है कि इस विवादित स्थल पर बाबर ने ही 1528 में मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस ढाचे को लेकर होने वाले विवाद के कई पन्ने भारतीय इतिहास में दर्ज किए जा चुके हैं। 1883, 1885, 1886, 1905, 1934 में इस जगह को विवाद हुआ और कुछ मामलों में कोर्ट को हस्तक्षेप भी करना पड़ा। आजाद भारत में 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाधी ने जब इस विवादित स्थल के ताले खोलने के आदेश दिए तो यह मामला एक बार फिर से तूल पकड़ गया। प्रधानमंत्री ने यहा पर कुछ खास दिनों में पूजा करने की अनुमति दी थी।
1989 में विश्व हिंदू परिषद को यहा पर मंदिर के शिलान्यास की अनुमति मिलने के बाद यह मामला हाथ से निकलता हुआ दिखाई दे रहा था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने रामजन्म भूमि के मुद्दे को भुनाया भी। अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण को लेकर रथ यात्रा शुरू की। छह दिसंबर को डेढ़ लाख कारसेवकों की भीड़ ने इस विवादित ढाचे को जमींदोज कर दिया। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की और प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। राज्य में इस सरकार की कमान कल्याण सिंह के हाथों में थी।
જાગરણ ડીસેમ્બર ૦૬, ૨૦૧૨ : मंदिर या मस्जिद-आज तक जिंदा है विवाद
ReplyDeleteमंदिर या मस्जिद-आज तक जिंदा है विवाद
જાગરણ ડીસેમ્બર ૦૬, ૨૦૧૨.
-मामले में कब क्या हुआ
- विवाद की शुरुआत वर्ष 1987 में हुई। वर्ष 1940 से पहले मुसलमान इस मस्जिद को मस्जिद-ए-जन्मस्थान कहते थे, इस बात के भी प्रमाण मिले हैं। वर्ष 1947 में भारत सरकार ने मुस्लिम समुदाय को विवादित स्थल से दूर रहने के आदेश दिए और मस्जिद के मुख्य द्वार पर ताला डाल दिया गया, जबकि हिंदू श्रद्धालुओं को एक अलग जगह से प्रवेश दिया जाता रहा।
- विश्व हिंदू परिषद ने वर्ष 1984 में मंदिर की जमीन को वापस लेने और दोबारा मंदिर का निर्माण कराने को एक अभियान शुरू किया।
- वर्ष 1989 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि विवादित स्थल के मुख्य द्वारों को खोल देना चाहिए और इस जगह को हमेशा के लिए हिंदुओं को दे देना चाहिए। साप्रदायिक ज्वाला तब भड़की जब विवादित स्थल पर स्थित मस्जिद को नुकसान पहुंचाया गया। जब भारत सरकार के आदेश के अनुसार इस स्थल पर नए मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तब मुसलमानों के विरोध ने सामुदायिक गुस्से का रूप लेना शुरू कर दिया।
- 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के साथ ही यह मुद्दा साप्रदायिक हिंसा और नफरत का रूप लेकर पूरे देश में फैल गया। देश भर में हुए दंगों में दो हजार से अधिक लोग मारे गए। मस्जिद विध्वंस के 10 दिन बाद मामले की जाच के लिए लिब्रहान आयोग का गठन किया गया।
- वर्ष 2003 में हाईकोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरात्ताव विभाग ने विवादित स्थल पर 12 मार्च 2003 से 7 अगस्त 2003 तक खुदाई की जिसमें एक प्राचीन मंदिर के प्रमाण मिले। वर्ष 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 574 पेज की नक्शों और समस्त साक्ष्यों सहित एक रिपोर्ट पेश की गयी।
-हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला:
12 सितंबर 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अयोध्या के विवादित स्थल बाबरी मस्जिद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस स्थल को राम जन्मभूमि घोषित कर दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में बहुमत से फैसला करते हुए तीन हिस्सों में बाट दिया। विवादित भूमि जिसे रामजन्मभूमि मानते जुए इसको हिंदुओं को सौंपे जाने का आदेश दिया गया। एक हिस्से को निर्मोही अखाड़े को देने का आदेश दिया गया। इस हिस्से में सीता रसोई और राम चबूतरा शामिल था। 90 वर्षीय याचिकाकर्ता हाशिम अंसारी ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा था कि अब इस फैसले के बाद इस मुद्दे पर सियासत बंद हो जाएगी।
तीसरे हिस्से को मुस्लिम गुटों को देने का आदेश दिया गया। अदालत का कहना था कि इस भूमि के कुछ टुकड़े पर मुस्लिम नमाज अदा करते रहे हैं लिहाजा यह हिस्सा उनके ही पास रहना चाहिए। तीन जजों की पूर्ण विशेष पीठ का यह पूरा फैसला लगभग दस हजार पन्नों में दर्ज है।
हाईकोर्ट की तीन जजों की पीठ में से एक ने सुन्नी सेन्ट्रल वक्फबोर्ड के अपने दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। फिर भी दो जजों न्यायमूर्ति एस यू खान और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने बहुमत से भगवान सिंह विशारद के मुकदमें में प्रतिवादी के नाते सुन्नी वक्फबोर्ड को एक तिहाई हिस्से का हकदार माना था।
BBC date 6th Dec 2012. अयोध्या: बेबुनियाद साबित हुईं सारी आशंकाएं?
ReplyDelete1992 के छह दिसंबर को अयोध्या में हाथों में भगवा झंडा लिए हुए बाबरी मस्जिद के टूटे हुए गुंबद पर खडे कुछ हिंदू युवा बहुत ख़ुश नज़र आ रहे थे लेकिन इस एक तस्वीर ने भारतीय राजनीति को बदल दिया.
किसी इमारत पर आक्रमण हिंसा का क्रूरतम उदाहरण है, क्योंकि इमारत निहत्थी होती है. अपना बचाव नहीं कर सकती.
ReplyDeleteयह एक निहत्थे-निरपराध व्यक्ति को घेरकर मारने से ज्यादा ख़तरनाक़ है.
मस्जिद का ध्वंस दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले देश की सामूहिक सोच को नकारना था. बुद्ध और गांधी को विरासत को खारिज करना था.
http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/12/121205_ayodhya_babri_madhukar_sdp.shtml
HTML to XML Adsense ad Code Parcer Tool
ReplyDeleteHappy Diwali Messages Quotes English
Happy Diwali Pictures
Happy New Year 2016 Messages
Happy New Year 2016 SMS
Happy New Year 2016 Images
Happy New Year 2016 Quotes
Happy New Year 2016 Wallpaper
Happy Diwali Free wallpaper
Happy Diwali HD Wallpaper
Happy Diwali SMS in Hindi
Happy Diwali Hindi SMS
Happy Diwali Funny Jokes
New Year Wishes
New Year messages
New Year Pictures
New Year Wallpapers