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Sunday, 5 January 2020

2010-19: तकनीक ने कैसे बदली इंसान की ज़िंदगी

2010-19: तकनीक ने कैसे बदली इंसान की ज़िंदगी






तकनीकी विशेषज्ञ नालामोटू श्रीधर का मानना है, ''2001 में जो इंटरनेट यूजर्स 70 लाख थे वो 2010 में बढ़कर 9 करोड़ हो गए. अकेले 2016 में ही भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 46 करोड़ हो गई. वहीं, 2019 में 63 करोड़ लोग इंटरेट का इस्तेमाल कर रहे थे. देश के ग्रामीण इलाकों में भी इंटरनेट का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है.''



इस दशक में ड्रोन को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. ड्रोन कैमरे से आसमान से ज़मीन के विजुअल लेने में आसानी होती है.
एयर टैक्सी जैसे विकल्प इसके चलते ही संभव हुए हैं जिससे लोगों को ट्रैफ़िक जाम में फंसने से निजात मिल सकती है.
उबर कंपनी ने घोषणा की थी कि वो लॉस एंजेलिस, डलास और मेलबर्न में एयर टैक्सी शुरू करने वाली है. उसने ड्रोन टैक्सी को लेकर एक बयान जारी किया था.


गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए काम कर रही हैं.
एआई की मदद से हमारी ज़िंदगी में रोबोटिक्स का इस्तेमाल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. इसका इस्तेमाल खिलौनों में भी किया जा रहा है.
रेलवे की टिकट बुकिंग, फिटनेस गजेट में भी इनका इस्तेमाल हो रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये स्टॉक मार्केट और बिजनस मैनेजमेंट में भी इस्तेमाल हो सकता है.

जनवरी 2018 तक भारत में एक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर बिताया जाने वाला औसत समय दो घंटा 26 मिनट था.
सोशल मीडिया इस्तेमाल के मामले में तीन घंटे 57 मिनट के साथ फिलीपिन्स सबसे ऊपर है. जापान में ये औसत समय 48 मिनट है.
ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, हैलो और शेयर चैट भी हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में घुलमिल गए हैं. टिकटॉक मोबाइल यूजर्स के लिए एक अलग ही अनुभव लेकर आया है.
लोगों को कनेक्ट करने के लिए बनाए गए ये एप्स देशों के राजनीतिक एजेंडे को भी प्रभावित करने लगे हैं.






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