Pages

Saturday, 25 October 2014

शास्त्री का जवाब था, "मैं वही कर रहा हूँ जो मैं पिछले कई सालों से करता आया हूँ और आगे भी करता रहूँगा.


साल 1964 में जब शास्त्री प्रधानमंत्री बने तो उनके बेटे अनिल शास्त्री दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में पढ़ रहे थे.
उस ज़माने में पैरेंट्स-टीचर मीटिंग नहीं हुआ करती थी. हाँ अभिभावकों को छात्र का रिपोर्ट कार्ड लेने के लिए ज़रूर बुलाया जाता था.
शास्त्री ने भी तय किया कि वो अपने बेटे का रिपोर्ट कार्ड लेने उनके स्कूल जाएंगे. स्कूल पहुंचने पर वो स्कूल के गेट पर ही उतर गए. हालांकि सिक्योरिटी गार्ड ने कहा कि वो कार को स्कूल के परिसर में ले आएं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
अनिल याद करते हैं, ''मेरी कक्षा 11 बी पहले माले पर थी. वो ख़ुद चलकर मेरी कक्षा में गए. मेरे क्लास टीचर रेवेरेंड टाइनन उन्हें वहाँ देखकर हतप्रभ रह गए और बोले सर आपको रिपोर्ट कार्ड लेने यहाँ आने की ज़रूरत नहीं थी. आप किसी को भी भेज देते. शास्त्री का जवाब था, "मैं वही कर रहा हूँ जो मैं पिछले कई सालों से करता आया हूँ और आगे भी करता रहूँगा."



No comments:

Post a Comment

કોમેન્ટ લખવા બદલ આભાર